कश्मीर में स्कूल तो खुले पर छात्र नदारद, क्योंकि खतरा मोल नहीं लेना चाहते अभिभावक

सुरेश डुग्गर

सोमवार, 19 अगस्त 2019 (19:57 IST)
जम्मू। संचार माध्यमों के ब्लैकआउट के बीच लगभग 15 दिनों के अंतराल पर कश्मीर वादी में लगभग 200 स्कूलों को खोल दिया गया, लेकिन इस दौरान स्कूलों में कुछ ही विद्यार्थी नजर आए। अधिकांश स्कूलों में शिक्षक मौजूद थे, लेकिन आशंकित माता-पिता ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। बटमालू के महाराजपुरा निवासी अब्दुल अजीज ने कहा कि मैं अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज सकता। अभी परिस्थितियां सही नहीं हैं और मैं जोखिम नहीं उठा सकता।
 
केंद्रीय विद्यालयों और बेमिना में पुलिस पब्लिक स्कूल को छोड़कर शहर के अन्य स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति नगण्य रही। सरकार ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए आवाजाही पर प्रतिबंधों में ढील दी गई है। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार द्वारा 5 अगस्त को निष्प्रभावी किए जाने के बाद स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों को फिर से खोलने की रविवार को घोषणा की थी।
 
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा था कि हमने निर्णय लिया है कि श्रीनगर और अन्य क्षेत्रों में सोमवार को स्कूल खोले जाएंगे। हमें विश्वास है कि बच्चों की कक्षाओं में वापसी होगी, क्योंकि पिछले 13 दिनों में उनकी शिक्षा पर बहुत प्रभाव पड़ा है। हम स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन करेंगे ताकि समय पर बच्चों का पाठ्यक्रम पूरा हो सके।
 
कश्मीर के 190 से ज्यादा प्राइमरी स्कूल खुले लेकिन काफी कम संख्या में ही बच्चे स्कूल पहुंचे थे। बच्चों को उनके पैरेंट्स स्कूल तक छोड़ने आए। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा और स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी। प्राइमरी के बाद सेकंडरी स्कूल भी खोले जाएंगे।
 
कश्मीर में सोमवार को प्रतिबंधों में और ढील दिए जाने पर कई स्कूलों में शिक्षक तो पढ़ाने पहुंचे लेकिन वहां ज्यादा छात्र नहीं दिखे। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने श्रीनगर में 190 प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं जबकि घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षा बल अब भी तैनात हैं। सभी निजी स्कूल सोमवार को लगातार 15वें दिन भी बंद रहे, क्योंकि पिछले 2 दिन से यहां हुए हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर अभिभावक सुरक्षा स्थिति को लेकर आशंकित हैं।
 
केवल बेमिना स्थित पुलिस पब्लिक स्कूल और कुछेक केंद्रीय विद्यालयों में ही थोड़े-बहुत छात्र पहुंचे। एक अभिभावक फारुक अहमद डार ने कहा कि स्थिति इतनी ज्यादा अनिश्चित है कि अभी बच्चों को स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता। बारामूला जिले के अधिकारियों ने बताया कि 5 शहरों में स्कूल बंद रहे, बाकी जिलों में स्कूल खुले हैं।
 
अधिकारी ने कहा कि पट्टन, पल्हालन, सिंहपुरा, बारामूला और सोपोर में प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी गई है। जिले में बाकी जगह प्राथमिक स्कूल खुले थे। कितने छात्र स्कूल पहुंचे, इस संबंध में हम जानकारी हासिल कर रहे हैं। श्रीनगर जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपनगर में कुछ स्कूल खुले रहे लेकिन पिछले 2 दिनों में हुई हिंसा के कारण पुराने शहर और सिविल लाइंस इलाकों में स्कूल बंद रहे।
 
अधिकारियों ने सोमवार से प्राथमिक स्तर तक के स्कूल खोलने और सभी सरकारी कार्यालयों में काम शुरू करने की योजना बनाई थी। केंद्र सरकार के 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद से श्रीनगर के जिन इलाकों में शांति कायम रही। वहां से पुलिस ने अवरोधक हटा दिए हैं। घाटी में बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से गायब रहे। प्रतिबंधों में ढील के बाद से शहर में निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ी है।
 
जिन क्षेत्रों में विद्यालय खोले गए उनमें लासजान, सांगरी, पंथचौक, नौगाम, राजबाग, जवाहर नगर, गगरीबाल, धारा, थीड, बाटमालू और शाल्टेंग शामिल हैं। स्थिति सामान्य होते ही धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों के स्कूलों में भी पढ़ाई शुरू हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक हाईस्कूल, हायर सेकंडरी स्कूल और डिग्री कॉलेज पर फैसला अगले 2 से 3 दिनों में लिया जाएगा।

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