इस संबंध में पुलिस का कहना है कि ये हाथ 2006 में हुई पुलिस फायरिंग में मारे गए आदिवासियों के हो सकते हैं। हालांकि सही स्थिति का खुलासा तो जांच के बाद ही हो सकेगा। अभी इस मामले की जांच की जा रही है, साथ ही कोई अप्रिय स्थिति निर्मित न हो इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती भी की गई है।
पुलिस के मुताबिक कलिंगा नगर में स्टील प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासियों ने जनवरी 2006 में प्रदर्शन किया था। इन प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी, जिसमें 13 से ज्यादा आदिवासियों की मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उस समय पांच शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। अत: उनके हाथ काटकर अंगुलियों के निशान लिए गए थे। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ये हाथ दो साल पहले ही आदिवासियों को सौंपे गए थे, लेकिन उन्होंने इन्हें लेने से इंकार कर दिया था। आदिवासियों ने डीएनए टेस्ट कराने की मांग की थी।
मीडिया से बात करते हुए एसपी जाजपुर सीएस मीणा ने बताया कि शनिवार को कुछ शरारती तत्व क्लब से मेडिकल बॉक्स उठाकर ले गए थे। इसी बॉक्स में दस हाथ रखे थे। संभवत: बाद में इन्हीं तत्वों ने जाजपुर में ले जाकर ये हाथ फेंक दिए। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पुलिस तैनात करके लोगों पर काबू पाया गया। इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।