चेन्नई/ मदुरै। तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में जहां रविवार को जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया, वहीं मदुरै के आलंगनल्लूर में विरोध प्रदर्शन जारी रहे, जहां लोगों ने स्थायी समाधान की मांग करते हुए सांड को काबू में करने के इस खेल के आयोजन से इंकार कर दिया और इस वजह से मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम को बिना उद्घाटन किए चेन्नई लौटना पड़ा। पनीरसेल्वम ने शनिवार को कहा था कि वे सुबह 10 बजे आलंगनल्लूर में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।
प्रदर्शनकारियों ने जहां आयोजन के स्थायी समाधान की मांग की और नारे लगाते हुए कहा कि अध्यादेश केवल अस्थायी उपाय है तो पनीरसेल्वम ने कहा कि राज्य सरकार का जल्लीकट्टू पर अध्यादेश का रास्ता स्थायी, सशक्त और टिकाऊ है और इसे आगामी विधानसभा सत्र में कानून बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश लागू होने के बाद कोई प्रतिबंध नहीं है तथा सोमवार को चेन्नई में शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा जिसके बाद अध्यादेश की जगह कानून ले लेगा। चेन्नई रवाना होने से पहले मदुरै में बातचीत में पनीरसेल्वम ने कहा कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया है। आलंगनल्लूर में स्थानीय लोगों द्वारा तय तारीख पर खेल का आयोजन किया जाएगा।