विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मजिस्ट्रेट अदालत के निष्कर्षों को बरकरार रखा, जिनके आधार पर इस मामले में केजरीवाल, सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (AAP) के अन्य विधायकों को आरोप मुक्त किया गया था।
प्रकाश ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि अदालत ने मामले में राजनेताओं को बरी करने के अपने फैसले में गलती की। यह आपराधिक मामला 19 फरवरी, 2018 को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर हुई बैठक के दौरान प्रकाश पर हुए कथित हमले से संबंधित है।
निचली अदालत ने इस मामले में केजरीवाल, सिसोदिया, और आप के अन्य विधायकों, राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज गोविंद, आदेश गुप्ता, मदन लाल और दिनेश मोहनिया को आरोप मुक्त कर दिया था।