crypto fraud case: अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) एक्सचेंज 'कॉइनबेस' (Coinbase) की नकल करने वाली एक फर्जी वेबसाइट के जरिए लगभग 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार एक भारतीय व्यक्ति की 42.8 करोड़ रुपए की संपत्ति मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून (money laundering law) के तहत कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। ईडी ने बताया कि आरोपी की पहचान चिराग तोमर के रूप में की गई है।
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन तकनीक का इस्तेमाल किया : कथित धोखाधड़ी की कार्यप्रणाली का विवरण देते हुए ईडी ने कहा कि एक सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था और जब 'कॉइनबेस' वेबसाइट के बारे में जानकारी खंगाली जाती थी तो फर्जी वेबसाइट सबसे ऊपर दिखाई देती थी। ईडी के अनुसार फर्जी वेबसाइट संपर्क विवरण को छोड़कर हर मामले में हूबहू वैध वेबसाइट की तरह दिखती थी। उसने बताया कि जब उपयोगकर्ता अपना लॉग-इन विवरण दर्ज करते थे तो नकली वेबसाइट उसे गलत दिखाती थी।
ईडी के मुताबिक इसके बाद उपयोगकर्ता फर्जी वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क करते थे, जो उन्हें तोमर के प्रबंधन वाले एक निर्दिष्ट कॉल सेंटर से जोड़ते थे। एजेंसी ने बताया कि एक बार जब जालसाजों को उपयोगकर्ताओं के खातों तक पहुंच मिल जाती थी तो वे उनकी क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्ति को तुरंत अपने नियंत्रण वाले क्रिप्टो वॉलेट में स्थानांतरित कर लेते थे।
ईडी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 2 अगस्त को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया जिसके तहत तोमर, उसके परिजनों और सहयोगियों के नाम पर बैंक में जमा राशि के अलावा दिल्ली स्थित 18 अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया। एजेंसी ने बताया कि कुर्क की गई संपत्तियों की कीमत करीब 42.8 करोड़ रुपए है।(भाषा)