भराड़ीसैंण (उत्तराखंड)। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण शुक्रवार को एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनी, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राज्य की पहली योग नीति का औपचारिक शुभारंभ करते हुए घोषणा की कि 'उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा।'
मुख्यमंत्री ने 'हर घर योग, हर जन निरोग' का संदेश देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन स्थापित किए जाएंगे। इन क्षेत्रों को आयुर्वेद, योग और आध्यात्मिक पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।ALSO READ: योग को लोक से जोड़ने का श्रेय गुरु गोरखनाथ को
योग से जुड़ेगी अर्थव्यवस्था, रुकेगा पलायन
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन जोन्स के माध्यम से राज्य में रोजगार सृजन को भी गति मिलेगी, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन पर अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि दो नए आधुनिक नगर बसाए जाएंगे जो वेलनेस और योग उद्योग के वैश्विक हब बनेंगे। दुनिया भर से योग-प्रशिक्षक, आयुर्वेदिक संस्थान और आध्यात्मिक गुरु यहां आमंत्रित किए जाएंगे।
20 लाख तक सब्सिडी, 10 लाख तक रिसर्च ग्रांट
नई योग नीति के तहत प्रदेश में योग एवं ध्यान केंद्रों की स्थापना पर 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी और योग/प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित शोध को 10 लाख तक का अनुदान मिलेगा। मार्च 2026 तक सभी आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटरों में योग सेवाएं सुनिश्चित की जाएंगी और 2030 तक 5 नए योग हब विकसित किए जाएंगे।ALSO READ: सैनी ने योग को बताया जीवन जीने की कला, सरकारी दफ्तरों में की 5 मिनट के योग ब्रेक की घोषणा
विश्वभर के प्रतिनिधियों ने किया प्रतिभाग
इस विशेष अवसर पर मेक्सिको, नेपाल, फिजी, मंगोलिया, सूरिनाम, लातविया, श्रीलंका और रूस सहित 8 देशों के राजनयिकों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया और मुख्यमंत्री के साथ सामूहिक योग किया। योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण की उपस्थिति ने आयोजन को और भी गरिमामय बना दिया।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से की भेंट
कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री स्थानीय छात्रों और नागरिकों से संवाद करने पहुंचे। छात्रों के साथ उनकी बातचीत में ऊर्जा और उत्साह देखने को मिला। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं।
योग ने दुनिया को एक सूत्र में बांधा है' : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है, जिसने दुनिया को जाति, धर्म और सीमाओं से परे एक सूत्र में बाँधने का काम किया है। यह वैश्विक एकता और मानवता का सबसे शक्तिशाली सेतु बन चुका है।' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से आज योग विश्व मंच पर ग्लोबल हेल्थ और कनेक्टिविटी का प्रतीक बन चुका है।ALSO READ: केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी बोले, टिकट उन्हें ही मिलेगा जो योग ठीक से करेंगे, टिकट मांगने में फूल जाती हैं सांसें
भराड़ीसैंण : संस्कृति और प्रकृति का मिलनस्थल
मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण को उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थल अब योग, अध्यात्म और नीति निर्माण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विशेष उपस्थिति में शामिल प्रमुख हस्तियां
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, फिजी, मंगोलिया, रूस, लातविया, श्रीलंका और सूरिनाम के राजनयिक, चमोली के डीएम संदीप तिवारी, एसपी सर्वेश पंवार समेत कई प्रशासनिक अधिकारी और हजारों प्रतिभागी मौजूद रहे।