श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए शनिवार को छठे दिन भी रेल सेवाओं को स्थगित कर दिया गया। संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेएलआर) ने 1947 में राज्य के भारत में विलय के बाद यहां भारतीय सेना के पहले जवान के आने पर हड़ताल का आह्वान किया गया।
आठ अक्टूबर से यह 12वीं बार है जब कश्मीर घाटी में ट्रेन सेवा को पूर्ण एवं आंशिक रूप से स्थगित किया गया है। जब चार चरणों के शहर स्थानीय निकाय चुनाव में से पहले चरण का मतदान हुआ था। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस की ओर से शुक्रवार रात को मिली सलाह को ध्यान में रखते हुए हम ट्रेन सेवा को आज शुरू नहीं कर रहे हैं।
यह लगातार रविवार से सातवां दिन है जब कुलगाम में सुरक्षाबलों और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में बडगाम-श्रीनगर-अनंतनाग-काजीगुंड से जम्मू क्षेत्र के लिए बनिहाल में रेल सेवा को स्थगित किया गया है। इसके बाद जेएलआर ने सोमवार को मुठभेड़ स्थल के पास हुए विस्फोट में सात नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया था।
उन्होंने कहा रविवार को उत्तर कश्मीर में रेल सेवा सामान्य रूप से चल रही थी, लेकिन सोमवार को इसे स्थगित कर दिया गया। उत्तर कश्मीर के श्रीनगर-बडगाम-बारामूला रेल मार्ग पर आज ट्रेनें नहीं चलेंगी। यात्रियों ने बताया ट्रेन सेवा स्थगित होने से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्री अन्य साधनों से अधिक किराया देकर अपने गंतव्य स्थान की ओर जा रहे हैं।
रेलवे अधिकारी ने बताया कि उनका विभाग स्थानीय प्रशासन की सलाह को मानते हुए यह कार्रवाई कर रहा है, क्योंकि यात्रियों की सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इससे पहले हड़ताल और प्रदर्शन के दौरान हिंसा में रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि घाटी में अन्य वाहनों की तुलना में सुरक्षा और सस्ते किराए को लेकर ट्रेन सेवा काफी लोकप्रिय है। (वार्ता)