रायसेन। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के ओबेदुल्लागंज वन मंडल क्षेत्र स्थित रातापानी अभयारण्य में एक बाघ का शव मिलने और उसके दो पंजों कटे होने की घटना को तांत्रिक क्रिया से जोड़कर देखा जा रहा है।
एक साल के भीतर इस क्षेत्र में तीन बाघों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को भी यहां आठ साल के एक बाघ का शव संदिग्ध हालत में मिला, जिसके आगे के पैरों के पंजे गायब थे। बुधवार को वन विभाग के आला अफसरों ने भी मौके का निरीक्षण किया।
सूत्रों के अनुसार बाघ के शिकार की आशंका जताई जा रही है। शव करीब दो से तीन दिन पुराना है। उसके पंजे गायब होने के चलते किसी तांत्रिक क्रिया का संदेह होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
ओबेदुल्लागंज वन मंडलाधिकारी अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि बाघ के शव का अंतिम संस्कार करवा दिया गया है। पंजे गायब होने से मामले की जांच शिकार के बिंदु पर भी की जा रही है।
इससे पूर्व मार्च 2018 में वन परिक्षेत्र की जाबरा मलखार बीट तथा गौहरगंज वन क्षेत्र की घाना बीट में नाले के किनारे एक-एक बाघिन का शव मिला था। (वार्ता) (प्रतीकात्मक चित्र)