रणबीर एनकाउंटर दुर्भाग्यपूर्ण, पुलिस करे कानून का सम्मान : रतूड़ी
शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018 (23:33 IST)
नैनीताल। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने रणबीर एनकाउंटर के मामले में कहा कि पुलिस कानून से बंधी है और उसे कानून का पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यदि चाहे तो पुलिस पहाड़ में कानून व्यवस्था संभालने को तैयार है।
नैनीताल दौरे पर आए रतूड़ी ने नैनीताल में कानून व्यवस्था की समीक्षा की और बात की। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि रणबीर एनकाउंटर दुर्भाग्यपूर्ण है और पुलिस को विधि का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस भी विधि से बंधी है और उसे विधि का पालन करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में आगे ऐसा न हो वह सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि वे न्यायालय के फैसले का सम्मान करेंगे। उल्लेखनीय है कि रणबीर एनकाउंटर 3 जुलाई 2009 में देहरादून में हुआ था। इसमें निचली कोर्ट ने 11 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहरया था लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले 11 पुलिसकर्मियों को दोषमुक्त कर दिया था, जबकि सात पुलिसकर्मियों की सजा बरकरार रखी थी।
उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि प्रदेश के पहाड़ों से राजस्व व्यवस्था को हटाना नीतिगत मामला है और यह सरकार के तहत आता है, लेकिन यदि सरकार चाहे तो पुलिस कानून व्यवस्था संभालने को तैयार है। उसके साथ ही उन्होंने चंपावत में हुई सड़क दुर्घटना के बारे में कहा कि ऐसी घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी है। अपराधों पर नियंत्रण हुआ है। मामलों की जांच में तेजी आई है। युवाओं में नशे की प्रवृत्ति गंभीर विषय है। इसलिए पुलिस नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए काम कर रही है।
पुलिस समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे हैं और साइबर अपराधों पर नियंत्रण करना एक चुनौती है। इसलिए आने वाले समय में प्रत्येक जिले में एक साइबर थाना खोला जाएगा। इसमें साइबर विशेषज्ञों की तैनाती की जाएगी।
कुमाऊं के पुलिस अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस गंभीर अपराधों पर अविलंब रोक लगाए और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। उन्होंने अधिकारियों को ऑपरेशन स्माइल व महिला अपराधों पर भी नियंत्रण करने को कहा। उन्होंने कहा कि अपराधों की जांच में तेजी लाई जाए और लंबित वादों का निस्तारण जल्दी किया जाए। (वार्ता)