मृतक के भतीजे राहुल पांचाल ने बताया, मेरे चाचा कृष्णकांत पांचाल का शव पोस्टमॉर्टम के लिए शुक्रवार शाम जिला अस्पताल के मुर्दाघर भेजा गया था। लेकिन हमने देखा कि मुर्दाघर में शव सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर तक नहीं है।
उन्होंने बताया, मुर्दाघर के कर्मचारियों ने हमें भरोसा दिलाया था कि रात में शव को कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन पोस्टमॉर्टम के बाद जब हमने शनिवार को शव देखा, तो इसके चेहरे, हथेली, अंगूठे और अंगुलियों पर चूहों के कुतरने के ताजा जख्म मिले।
अस्पताल के मुर्दाघर में शव की दुर्गति के बारे में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. संतोष वर्मा ने कहा, शव का पोस्टमॉर्टम करने वाले एक डॉक्टर से मेरी बात हुई है। उनका कहना है कि केवल शव के गाल पर चूहों के कुतरने के निशान मिले हैं।
वर्मा ने कहा कि जिला अस्पताल के मुर्दाघर में चूहों और अन्य जीव-जंतुओं की रोकथाम के लिए एक निजी एजेंसी के जरिए दवाओं का नियमित छिड़काव कराया जाता है। सिविल सर्जन ने कहा, शव को चूहों द्वारा कुतरे जाने के मामले में हम इस एजेंसी को नोटिस जारी कर जवाब तलब करेंगे।
चश्मदीदों के मुताबिक, जिला अस्पताल परिसर में आसपास के कई निर्माण टूटने से मुर्दाघर चारों ओर से खुले मैदान से घिर गया है और बारिश के मौसम के दौरान इसमें चूहों और अन्य जीव-जंतुओं की घुसपैठ का खतरा बढ़ गया है।(भाषा)