WhatsApp Groups Controversy: केरल पुलिस ने शनिवार को दावा किया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के जिस फोन से बने व्हॉट्सऐप अकाउंट (whatsapp account) का इस्तेमाल धार्मिक समूह बनाने के लिए किया गया था उसे पूरी तरह से रीसेट कर दिया गया जिसकी वजह से फोरेंसिक जांच में भी यह पता नहीं चल पाया कि उसे हैक किया गया था, जैसा अधिकारी ने तिरुवनंतपुरम में दावा किया था।ALSO READ: आईएएस अधिकारियों का विवादित व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाने की जांच करेगी केरल सरकार
पुलिस के हवाले से आई कई खबरों में दावा किया गया था कि आईएएस अधिकारी का फोन हैक नहीं हुआ था, लेकिन तिरुवनंतपुरम शहर के पुलिस आयुक्त स्पर्जन कुमार ने कहा कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि उपकरण से छेड़छाड़ की गई थी या नहीं, क्योंकि इसे 'रीसेट' किया गया है। कुमार ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट राज्य के पुलिस प्रमुख शेख दरवेश साहेब को दे दी है।ALSO READ: Whatsapp पर लगाई कलेक्टर की तस्वीर, तहसीलदार से 50,000 की ठगी
गोपनीय रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेजा जाएगा : डीजीपी कार्यालय ने कहा कि रिपोर्ट गोपनीय है और इसे राज्य सरकार को भेज दिया जाएगा। पुलिस ने आईएएस अधिकारी की शिकायत के बाद मामले की जांच की। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके व्यक्तिगत व्हॉट्सऐप नंबर को हैक कर लिया गया है और उसका इस्तेमाल एक धार्मिक समूह बनाने के लिए किया गया।ALSO READ: IAS अधिकारियों ने इस नाम से बनाया व्हाट्सएप ग्रुप तो मचा बवाल, जानें क्या है मामला?
विवादास्पद व्हॉट्सऐप ग्रुप में विभिन्न समुदायों के अधिकारियों को जोड़ा गया था और ग्रुप को 'हिन्दू समुदाय समूह' के रूप में प्रस्तुत किया गया था। अधिकारी ने तुरंत शिकायत दर्ज कराई और ग्रुप को निष्क्रिय कर दिया। अपनी शिकायत में अधिकारी ने दावा किया कि उन्होंने इस ग्रुप में किसी भी अधिकारी को नहीं जोड़ा था।(भाषा)