अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर शरद पवार ने सार्वजनिक रूप से पार्थ की निंदा की थी। शिवेसना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में न्यूज चैनलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे मुद्दे को जबर्दस्ती तूल दे रहे हैं। उसने कहा कि शरद पवार ने जो भी कहा, उसमें कुछ भी गलत नहीं है।
संपादकीय में कहा गया कि ये लोग (न्यूज चैनल) अपनी रोजी-रोटी के लिए बिना बात के बवाल पैदा करते हैं।इसमें कहा गया कि शरद पवार वरिष्ठ नेता हैं और राजनीतिक दल के मुखिया हैं, वे उसको डांट सकते हैं। बाल ठाकरे ने भी ऐसा कई बार किया था।
संपादकीय में कहा गया कि जब आपकी जबान नियंत्रण में नहीं होती, तो आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। अजित पवार भी इस समस्या से गुजरे हैं। इसमें कहा गया अब वे अपने आप पर नियंत्रण रखते हैं। उनके बेटे पार्थ राजनीति में नए हैं और इसलिए उनके बयानों से विवाद पैदा होते हैं। कई वरिष्ठ एवं अनुभवी राजनेताओं ने भी सीबीआई जांच की मांग की है। यह इशारा भाजपा नेता देवेन्द्र फड़णवीस की ओर था।
मराठी दैनिक पत्र ने कहा कि पवार ने पार्थ को रोकने के लिए केवल यह टिप्पणी की। इस पर इतना बवाल क्यों मचाया जा रहा है? इससे पहले शरद पवार ने बुधवार को कहा था कि पार्थ द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग का कोई महत्व नहीं है। पवार ने पार्थ को अपरिपक्व करार दिया था और उनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में जुबानी जंग शुरू हो गई थी।