शिवराजकुमार ने कहा कि सिद्धार्थ की प्रेस वार्ता को रोकना गलत था, क्योंकि कर्नाटक के लोग स्वागत करने वाले माने जाते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में एक अन्य उद्योग के अभिनेता की प्रेस मीट को बेंगलुरु में रोक दिया गया था। यह गलत है, कन्नड़ लोग हमेशा स्वागत करने के लिए जाने जाते हैं। पूरे कन्नड़ फिल्म उद्योग की ओर से मैं सिद्धार्थ से दिल से माफी मांगता हूं। जो कुछ हुआ उससे आहत हूं। कन्नडिगा सभी भाषाओं और उनकी फिल्मों को पसंद करते हैं और उनका समर्थन भी करते हैं।
शिवराजकुमार ने कन्नड़ अभिनेताओं दर्शन, वशिष्ठ एन. सिम्हा और ध्रुव सरजा सहित अन्य लोगों के साथ कावेरी जल विरोध पर माफी मांगी। यह घटना तब हुई, जब सिद्धार्थ फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले एक प्रेस मीट में चिट्ठा के कन्नड़ संस्करण 'चिक्कू' का प्रचार कर रहे थे।
उल्लेखनीय है कि कन्नड़ समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने तमिल फिल्म के प्रचार के समय पर सवाल उठाते हुए बैठक को बाधित कर दिया। आखिरकार सिद्धार्थ को कार्यक्रम बीच में ही छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। अभिनेता शिवराजकुमार ने यह भी कहा कि बिना सोचे-समझे विरोध प्रदर्शन और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना कोई समाधान नहीं है और यह भी सवाल किया कि जब कावेरी मुद्दा कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों द्वारा हल किया जाना है तो इस तरह का कृत्य क्या संकेत देता है?