आम आदमी न हो बेनामी संपत्ति कानून से प्रभावित: शिवसेना

बुधवार, 28 दिसंबर 2016 (15:06 IST)
मुंबई। शिवसेना ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मध्यम वर्ग को परेशान कर देने वाले नोटबंदी के कदम की तरह कहीं बेनामी संपत्तियों का कानून आम आदमी को चोट न पहुंचा दे।
 
नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ लड़ाई को आगे ले जाने की बात कहते हुए मोदी ने रविवार को कहा था कि सरकार जल्दी ही बेनामी संपत्तियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक कड़ा कानून लागू करेगी।
 
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया, 'मोदी ने विदेशों में छिपाए गए धन को निकालने के लिए कालेधन के खिलाफ सर्जिकल हमला बोला था लेकिन सच्चाई यह है कि एक पैसा भी वापस नहीं आया। देश के अमीर लोगों को नोटबंदी के बाद एक पैसे का भी नुकसान नहीं हुआ जबकि आम आदमी इससे त्रस्त हो गया।'
 
सत्ता में भाजपा की गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने कहा कि बेनामी संपत्ति के खिलाफ सरकार की क्या योजना है? हम उम्मीद करते हैं कि नोटबंदी की तरह बेनामी संपत्ति से जुड़े कड़े कदमों तले मध्यवर्गीय नागरिक कुचले न जाएं। ऐसा न हो कि बेनामी संपत्ति के असली मालिक अपनी संपत्तियों को वैध करा लें और आम आदमी की इज्जत नीलाम हो जाए।
 
शिवसेना ने यह भी कहा कि अमीर और काला धन धारकों के खिलाफ उठाए गए कदमों ने वास्तव में आम आदमी पर बुरा असर डाला है। शिवसेना ने कहा कि बेनामी संपत्तियों से जुड़ी घोषणा हो जाने के बाद, संपत्ति के मालिक 24 घंटे के अंदर इसे उसी तरह सफेद (वैध) करवा लेंगे, जैसे नोटबंदी के फैसले के बाद सैंकड़ों करोड़ रुपए सफेद कर लिए गए थे।
 
शिवसेना ने कहा कि ऐसा लगता है कि कानून सिर्फ अमीरों को सुरक्षा देने के लिए ही हैं जबकि गरीब तो इनके तले कुचले जाते हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि जो लोग नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल हमलों की तारीफ कर रहे थे, उन्होंने भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पड़ोसी देश के लगातार हमलों में 50 से ज्यादा सैनिकों के शहीद हो जाने के बाद अब ऐसा करना बंद कर दिया है।
 
शिवसेना ने सरकार से यह भी पूछा है कि बेनामी संपत्तियां जमा करना शुरू करने से पहले क्या वह यह सुनिश्चित करेगी कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में अपनी जमीन का उचित हिस्सा वापस मिले। (भाषा) 

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