एआई आधारित कैमरों का इस्तेमाल : मेले का उद्घाटन करने के बाद राज्य के पर्यटन मंत्री ने कहा कि 1 महीने तक आयोजित होने वाले इस मेले का आयोजन भव्य तरीके से किया जाएगा। तकनीक का इस्तेमाल करके लाखों श्रद्धालुओं के लिए मेले को बिना किसी परेशानी के आयोजित करने का प्रयास किया गया है। मंत्री ने कहा कि प्रशासन देवघर में सुचारु और कोई अप्रिय घटनामुक्त मेला आयोजित करने के लिए एआई-चैटबॉट, रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) और कृत्रिम मेधा (एआई)-आधारित कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है।
झारखंड और बिहार समन्वय से काम कर रहे : एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए 2 राज्य (झारखंड और बिहार) समन्वय से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवघर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन से लेकर श्रद्धालुओं के लिए आवास सुविधाओं तक व्यापक तैयारियां की हैं। अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, बिजली, सफाई और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि श्रावणी मेले के दौरान वीआईपी लोगों के लिए बिना बारी के दर्शन की सुविधा स्थगित रहेगी।(भाषा)