कानपुर। उत्तर प्रदेश के चौबेपुर के बिकरू गांव में 2 या 3 जुलाई की मध्य रात्रि अपराधी विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई थी, जिसके चलते 8 पुलिस के जवान शहीद हो गए थे और पूरे देश में बिकरू कांड की चर्चा जोरों पर थी और विपक्ष सरकार पर हमला बोल रहा था लेकिन वही तेजी के साथ अपराधियों की धरपकड़ में लगी पुलिस/ एसटीएफ की टीम एक-एक करके बिकरू कांड को अंजाम देने वाले अपराधियों के नजदीक पहुंच रही थी।
इसी दौरान मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार भी कर लिया था जिसके बाद मध्य प्रदेश से उत्तर प्रदेश ला रही पुलिस की एक बार फिर अपराधी से मुठभेड़ हो गई जिसमें अपराधी विकास दुबे मार गिराया गया। लेकिन बिकरू कांड की आंच खाकी से लेकर खादी व कारोबारियों तक पहुंच गई थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बिकरू कांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया था जिसके चलते एसआईटी की 3 सदस्य टीम कानपुर के बिकरू गांव पहुंच गई है।
एसआईटी पहुंची बिकरू गांव : कानपुर के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू कांड की जांच करने पहुंची एसआईटी की अध्यक्षता कर रहे अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी और टीम के सदस्य एडीजी हरिराम शर्मा व डीआइजी जे. रवींद्र गौड़ ने विकास दुबे के घर का बारीकी से मुआयना किया है और मुआयना करने के बाद दो हिस्सों में टीम बनाकर एसआईटी के अफसरों ने गांववालों से अलग-अलग पूछताछ की है।
साथ ही घटना से जुड़े हर बिंदु की गहन पड़ताल करने के साथ ही घटना में बिल्हौर सीओ के मारे जाने वाले स्थल और पांच सिपाही के मारे जाने वाली जगह का बारीकी से निरीक्षण किया है।इस दौरान एसआईटी ने निलंबित दरोगा और सिपाही के बारे में भी जानकारी एकत्र की है।
मौके पर मौजूद डीएम डॉ. ब्रह्मदेव तिवारी और एसएसपी दिनेश कुमार से भी बातचीत की है। माना जा रहा है कि अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर से जुड़ी हुई जानकारी के बारे में भी एसआईटी एनकाउंटर टीम से बातचीत कर सकती है।
इन बिंदुओं पर हो रही है जांच : पुलिस सूत्रों की मानें तो एसआईटी विकास दुबे के विरुद्ध अभी तक जितने भी मामले दर्ज हुए हैं उन पर क्या कार्रवाई की गई है इसकी जानकारी एकत्र की जा रही है और विकास दुबे के गिरोह पर कब-कब कार्यवाही की गई है इसकी भी जानकारी मांगी है।
साथ ही विकास दुबे से जुड़े लोगों की 1 साल की सीडीआर रिपोर्ट का भी परीक्षण करने की बात एसआईटी ने कही है और उससे जुड़े लोगों की जानकारी भी मांगी है। कानपुर एसएसपी से बातचीत करते हुए विकास दुबे के मददगार पुलिसवालों की भी जानकारी एसआईटी ने मांगी है।
साथ ही उसकी संपत्ति की पूर्ण जानकारी व उनसे जुड़े लोगों की भी जानकारी एसआईटी ने मांगी है। यहां तक कि जनसुनवाई में कितनी शिकायतें हैं, जिसमें अपराधी विकास दुबे के नाम आए और किसका क्या निस्तारण किया गया इसकी भी जानकारी मांगी है, साथ ही कई ऐसे बिंदु हैं जिसकी जानकारी पुलिस सूत्र नहीं दे पाए लेकिन लगभग 10 बिंदुओं पर एसआईटी की टीम काम कर रही है।
माना जा रहा है विकास दुबे के एनकाउंटर से जुड़े दस्तावेजों को भी मांगा गया है और तो और उज्जैन से लेकर कानपुर तक कितने लोग साथ में थे, कितनी गाड़ियां थीं, उसका भी ब्योरा मांगा गया है।