जोशीमठ में स्थानीय लोगों के एक वर्ग का ये आरोप है कि मौसम पूर्वानुमान के बावजूद अधिकारियों ने आवश्यक कदम नहीं उठाए। बर्फबारी ने उत्तराखंड के जोशीमठ के निवासियों में डर पैदा कर दिया है। लोगों की आशंका है कि शहर में भूमि और धंस सकती है क्योंकि पानी दरारों में जा सकता है और उन्हें चौड़ा कर सकता है। मौसम के पूर्वानुमान के बावजूद आवश्यक कदम न उठाए जाने की शिकायत जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति भी कर रही है।
संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि अभी भी स्थानीय लोग 600 से अधिक घरों में दरारों के साथ रह रहे हैं। बर्फबारी से इन घरों में दरारें चौड़ी और गहरी होने से वे खतरे में आ सकते हैं। जबकि सचिव, आपदा प्रबंधन, रंजीत कुमार सिन्हा का दावा है कि हमारे पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी व्यवस्थाएं हैं। यदि और घरों में दरारें आती हैं, तो हम उनमें रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर देंगे।
प्रभावित परिवारों के अनुसार, बर्फबारी के बीच कड़ाके की ठंड के कारण राहत शिविरों में रहना उनके लिए, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए मुश्किल हो गया है। नगर पालिका परिषद के एक राहत शिविर में रह रही अंजलि रावत ने कहा कि बर्फबारी के साथ, हमें डर है कि सिंहधार वार्ड में हमारा घर, जिसमें दरारें आ गई हैं, गिर सकता है। कड़ाके की ठंड में राहत शिविर में रहना बहुत मुश्किल है, खासकर 9 साल के बेटे के साथ।
मसूरी और धनोल्टी की बर्फबारी से ढंकी चोटियां चांदी के मानिंद चमक बिखेर रही हैं। बर्फबारी के बाद शनिवार को वीकेंड पर पर्यटकों की आवक की उम्मीद कारोबारी कर रहे हैं, लेकिन जोशीमठ आपदा से लोगों में भय बना हुआ है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में बर्फबारी हुई है। आपदा प्रभावित जोशीमठ भी बर्फबारी से ढंक गया है। यहां राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोग ठंड से परेशान हो रहे हैं। शासन प्रशासन उन्हें सर्दी से बचाने के प्रयास कर रहा है। अगले 4 दिन प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसे ही तेवर में बने रहने की भविष्यवाणी मौसम विभाग कर रहा है।
नृसिंह मंदिर में बड़े आयोजनों पर रोक : जोशीमठ में भू-धंसाव के बढ़ रहे खतरे को देखते हुए नृसिंह मंदिर परिसर में कोई भी बड़ा समारोह या आयोजन करने पर बद्री- केदार मन्दिर समिति ने रोक लगा दी है। बद्रीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालु जनों के सुझाव पर ये निर्णय लिया गया है। अब जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार के आयोजन या गतिविधि बिना अनुमति के नहीं हो सकेंगे।
प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज गुरुवार को जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने यहां पहुंचने पर कहा कि औली में प्रस्तावित स्नो गेम्स को कराने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इस दौरान सतपाल महाराज ने जोशीमठ नगर पालिका के अंतर्गत मनोहरबाग, गांधी नगर, नरसिंह मंदिर, जेपी कालोनी आदि क्षेत्रों में प्रभावित घरों एवं होटलों में भू-धंसाव से हुई क्षति का जायजा लिया।