ये है देश के सबसे प्रचलित गाने 'सोनू' की दर्दभरी दास्तान...

गुरुवार, 3 अगस्त 2017 (21:25 IST)
'सोनू' गीत को लिखने वाले अजय क्षीरसागर
पुणे। इस वक्त पूरे देश में 'सोनू' के गीत का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। सोशल मीडिया पर 'सोनू के बोल' भारत ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाए हुए हैं...व्हाट्‍सएप पर सोनू के गीतों की पैरोडी बनाकर मराठी, हिन्दी, गुजराती, पंजाबी ,अंग्रेजी और अन्य कई भारतीय भाषाओं में पेश की जा रही है। यही नहीं, सोशल मीडिया पर छाया सोनू राष्ट्रीय टीवी चैनल तक पहुंच गया है लेकिन इस गीत के असली जन्मदाता की दर्दभरी कहानी आज दुनिया के सामने आई...
 
'सोनू...sss' के गीत का जन्मदाता है अजय क्षीरसागर, जिसका हाल मुकाम पुणे है। अजय की पत्नी का नाम भाग्यशाली है और वह अपने पति को 'सोनू' कहकर बुलाती है। असल में सोनू वाला गीत अभी का नहीं है। इसका खुलासा खबरिया चैनल 'एबीपी' न्यूज के इंटरव्यू में अजय क्षीरसागर ने किया है।
 
अजय ने बताया कि हम लोग सोलापुर के कुरवाड़ी गांव के रहने वाले हैं। एक बार जब हम लोग बाजार जा रहे थे तब पत्नी ने मुझे सोनू कहकर बुलाया। यह कुछ ऐसी अदा में कहा गया था कि मेरे दिमाग में इस पर गीत रचने का खयाल आया। 
अजय क्षीरसागर पत्नी भाग्यशाली और बेटी के साथ
मैंने मराठी में पहले दो-चार लाइने लिखीं। इस गीत में पत्नी के प्यार का इजहार था। इसके बाद फिर पूरा गीत लिखा और पहली बार पत्नी भाग्यशाली ने इसे जनवरी 2017 में इसे व्हाट्‍सएप पर डाला।
 
असल में हम यह देखना चाहते थे कि इस गीत पर कितने कमेंट्‍स आते हैं...मुझे नहीं मालूम था कि आने वाले समय में यह गीत देशभर में एक नई क्रांति को जन्म दे देगा और मजाक-मजाक में हमारी यह कोशिश सीमा पार तक चली जाएगी।  
 
देशभर में अलग-अलग भाषाओं में कहीं मजाक में, कहीं प्यार में कहीं तंज कसते हुए और कहीं पैरोडी बनकर यह गीत सोशल मीडिया में अपने चरम पर पहुंच गया है। यह पहला प्रसंग है जब एक गीत पूरे देश पर छा गया है। सोशल मीडिया में भले ही पहली बार यह गीत मराठी भाषा में जस का तस है, लेकिन दूसरी भाषा के लोग इसे आधार बनाकर अपने तरीके से पेश कर रहे हैं। 
 
युवक-युवतियों के झुंड 'सोनू का गीत' सिर्फ भारत की विभिन्न भाषाओं में ही मजे लेकर देखा और सुना नहीं जा रहा है बल्कि इसकी पैठ धर्म तक पहुंच गई हैं। कुछ धार्मिक संगठन भी सकारात्मक रूप में इसे पेश करने से पीछे नहीं हैं। 
 
पाकिस्तान की जमीं तक पहुंच चुके इस गीत के जरिए वहां के युवा नवाज शरीफ का मजाक उड़ाने में पीछे नहीं हैं तो देश में कहीं पप्पू (सबको मालूम है कि राजनीति का पप्पू कौन है) तो कहीं नीतीश को लेकर पैरोडियां बनाई जा रही हैं। इसमें कोई शक नहीं देश के युवक-युवतियां सोनू गीत के पीछे पागल हुए जा रहे हैं। 
 
क्या है असली सोनू की दर्दभरी दास्तान : देश के सबसे प्रचलित गाने 'सोनू' के असली रचयिता अजय क्षीरसागर अपनी पत्नी भाग्यशाली के साथ पुणे में बहुत तंगहाल में अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं। सोनू वाले इस गीत ने भले ही उन्हें चर्चित कर डाला हो लेकिन इससे उनकी गरीबी दूर नहीं हुई।
 
अजय क्षीरसागर को गीत लिखने का शौक है। सोनू गीत की रचना समेत अब तक वे 25 गाने रिकॉर्ड करवा चुके हैं और एक गीत की रिकॉर्डिंग के बदले उन्हें मिलते है केवल 200 से 300 रुपए। अजय के ससुर का रिकॉर्डिंग स्टूडियो है और वहीं पर उनके गीतों की रिकॉर्डिंग होती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोनू के गीत ने उन्हें प्रसिद्धि जरूर दिलवाई है लेकिन अजय आज भी इतनी बड़ी भीड़ में अकेला ही है। (वेबदुनिया न्यूज)

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