जानकारों का कहना है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव निकट है और निर्वाचन आयोग स्थिति की नाजुकता को देखते हुए दोनों पक्षों को नए नाम और नए चुनाव चिह्न आवंटित कर सकता है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा है कि संभवत: सपा के चुनाव चिह्न पर रोक लगाई जा सकती है और दोनों पक्षों को अस्थायी तौर पर नए चिह्न दिए जा सकते हैं।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा रामगोपाल यादव द्वारा रविवार को लखनऊ में आयोजित सपा के आपात राष्ट्रीय अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर संरक्षक बनाया गया था। अधिवेशन में अखिलेश यादव को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया था। मुलायम सिंह यादव ने इस कदम को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है।