Banned Gutkha controversy case : समूचे महाराष्ट्र में प्रतिबंधित होने के बावजूद गुटखा और पान मसाले की आसानी से उपलब्धता ओर इशारा करते हुए भाजपा विधायक विक्रम पाचपुते ने महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की आलोचना की है। अहिल्यानगर जिले के श्रीगोंडा विधानसभा सीट से विधायक पाचपुते ने कहा कि लोग गुटखा खा रहे हैं और राज्य विधानभवन परिसर में थूकने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि, जब विधानभवन परिसर में प्रतिबंध लागू नहीं कर पा रहे हैं तो बाकी राज्य में क्या संदेश जाएगा।
विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने के बाद उन्होंने कहा, यदि गुटखा प्रतिबंधित है तो आ कहां से रहा है? मैं मीडिया से आग्रह करता हूं, आप एक स्टिंग ऑपरेशन करें। विधानभवन की सीढ़ियों और कोनों को देखें, वहां आपको गुटखा और पान मसाले के निशान दिखेंगे।
पाचपुते ने यह भी कहा कि भले ही महाराष्ट्र में गुटखा बनाना, बेचना और उसका प्रचार करना, पान मसाला तथा सुगंधित सुपारी पर प्रतिबंध है फिर भी कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, गुटखा और पान मसाले पर प्रतिबंध होने के बावजूद लोगों का इनका सेवन करना तथा सरकारी कार्यलयों और विधानभवन के कोनों में थूकना जारी है। इस पर कोई कार्रवाई की जानी चाहिए। सब इस बात से सहमत हैं कि यह हानिकारक है फिर भी कानून को सही ढंग से लागू नहीं किया जा रहा है।
एफडीए की आलोचना करने के अलावा उन्होंने कहा कि पर्याप्त मानवबल की कमी है। जब मैंने पहली बार यह मुद्दा उठाया था, तब एफडीए के पास 100 कर्मचारी थे। अब उनमें 190 और जुड़ गए हैं, पर फिर भी यह काफी नहीं है। विधायक ने बताया कि, एफडीए ने सामान्य प्रशासन विभाग से अपने स्वीकृत अधिकारियों की संख्या बढ़ाकर 1,200 करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, पर्याप्त कर्मियों के बिना, कोई रोकथाम नहीं हो सकती। जैसे लोग पुलिस या सीसीटीवी की अनुपस्थिति में यातायात सिग्नल का उल्लंघन करते हैं, वैसे ही उल्लंघनकर्ता खुलेआम प्रतिबंधित उत्पाद बेच रहे हैं क्योंकि उन्हें कानून का कोई डर नहीं है।
पाचपुते ने कहा कि, उन्होंने मार्च के विधानसभा सत्र के दौरान मिलावटी पनीर और नकली चीज़ पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि इस पर कुछ प्रशासनिक प्रतिक्रिया तो मिली, लेकिन प्रतिबंधित तंबाकू उत्पादों की बिक्री के मुद्दे पर वैसी तत्परता नहीं दिखाई गई।
हानिकारक उत्पादों का प्रचार करने वाले मशहूर अभिनेताओं की आलोचना करते हुए पाचपुते ने कहा, मैंने मंत्री से विशेष रूप से पूछा कि क्या ऐसे उत्पादों का विज्ञापन करने वाले और युवाओं को गुमराह करने वाले अभिनेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी? उन्होंने सदन को कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक कुछ भी ठोस नहीं हुआ है।
उन्होंने दावा किया कि, महाराष्ट्र में पहले से गुटखा प्रतिबंधित होने के बावजूद कंपनियों ने कानूनी खामियों का फायदा उठाते हुए इसकी बिक्री को जारी रखा है। पाचपुते ने यह भी कहा कि वह विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर यह मांग करेंगे कि विधानभवन परिसर में प्रविष्ट होने वालों की तलाशी ली जाए कि उनके पास कोई प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद तो नहीं।
उन्होंने पूछा, मुद्दा सिर्फ़ स्वास्थ्य का नहीं है, यह हमारे संस्थानों की गरिमा को बनाए रखने का है। अगर हम विधान भवन के अंदर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, तो महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों को क्या संदेश दे रहे हैं? (भाषा)
Edited By : Chetan Gour