सुनीता ने अपने दो बच्चों का पालन पोषण करने के लिए एक पार्लर पर काम किया और उसे इसका अनुभव प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाले एक ऑटो चालक ने सुनीता को ऑटो चलाना सिखाया और अब वह पूर्ण रूप से ऑटो चलाना सीखने के बाद आज से खुद ऑटो चलाकर सवारियां ढोने के कार्य में जुट गई है।