संभल जिले में असमोली क्षेत्र के एक स्कूल में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं देने पर बहुसंख्यक वर्ग के एक छात्र को अल्पसंख्यक समुदाय के उसके सहपाठी से कक्षा में थप्पड़ लगवाने के आरोप में गुरुवार को एक शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से बताया कि जिले के सिरौली निवासी नितिन कुमार त्यागी नामक व्यक्ति ने असमोली थाने में मामला दर्ज कराया है।
चंद्र ने कहा कि त्यागी ने आरोप लगाया है कि दुगावर गांव स्थित एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ने वाले उनके बेटे मानव त्यागी को गत 26 सितंबर को शिक्षिका शाइस्ता ने कुछ सवालों का जवाब नहीं देने पर उसी कक्षा में पढ़ने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के एक छात्र से थप्पड़ लगवाए थे।
चंद्र ने बताया कि शिकायतकर्ता का कहना है कि इस घटना से उसकी भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने बताया कि इस मामले में आरोपी शिक्षिका के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना) और 323 (शारीरिक चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
यह घटना मुजफ्फरनगर जिले में पिछले महीने हुई एक घटना से मिलती-जुलती है। मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में तृप्ता त्यागी नामक एक शिक्षिका ने गृहकार्य नहीं करने पर अल्पसंख्यक समुदाय के एक बच्चे की कक्षा में उसके बहुसंख्यक वर्ग के सहपाठियों के हाथों पिटाई करवायी थी।
इस मामले में आरोपी शिक्षिका पर भारतीय दंड विधान की धारा 323 (शारीरिक चोट पहुंचाना) और 504 (जान-बूझकर किसी व्यक्ति को उकसाना या किसी का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने गत सोमवार को इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी।
न्यायालय ने इस घटना में कानून के प्रासंगिक प्रावधानों को लागू नहीं करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की आलोचना करते हुए राज्य सरकार को मामले की जांच के लिए एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को नियुक्त करने और स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।