इन दोनों नेताओं की मुलाकात को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले दिन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने दिल्ली में बैठक के बाद घोषणा की कि बिहार में लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां बराबर-बराबर सीटों पर लड़ेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रालोसपा एवं लोजपा, दोनों राजग में रहेंगे।
कुशवाहा एवं तेजस्वी यादव की मुलाकात की तस्वीर राजद ने अपने मोबाइल ऐप पर साझा की है। तेजस्वी ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा ने 40 में से 22 सीटें जीती थीं। कुमार को एक बराबर साझेदार समझे जाने की इच्छा जताई जा रही है, जिन्होंने केवल दो सीटें जीती थीं और वह (भाजपा) अपना जनाधार खो चुकी है जिससे अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निराशा का पता चलता है।
हालांकि तेजस्वी और कुशवाहा के बीच हुई बातचीत का ब्योरा अभी पता नहीं चल पाया है। बैठक के बाद रालोसपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि राजनीतिक हस्तियां प्राय: एक-दूसरे से मिलती रहती हैं, भले ही वे सहयोगी न हों। कुशवाहा ने बैठक के दौरान हुई बातचीत के बारे में कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार कर दिया।
शाह ने नई दिल्ली में कहा कि रालोसपा एवं केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी सहित बिहार में राजग के घटक दलों की सीटों की संख्या के बारे में घोषणा दो-तीन दिनों में की जाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या कुशवाह राजग का अंग बने रहेंगे, शाह ने सकारात्मक उत्तर दिया और दावा किया कि गठबंधन पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करेगा। पिछले लोकसभा चुनाव में राजग ने 31 सीटें जीती थीं। उल्लेखनीय है कि कुशवाहा के नीतीश के साथ संबंध बहुत मधुर नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि चारों पार्टियां राजग में बरकरार रहेंगी।