संतोष के मुताबिक, बचावकर्मियों और विशेषज्ञों की एक टीम मछली पकड़ने वाले जहाज पर सवार होकर सुरंग के अंतिम छोर तक पहुंचकर वहां से लौटने में कामयाब रही, लेकिन अंदर फंसे लोगों का पता नहीं लगाया जा सका। उन्होंने कहा कि शुरुआत में (दुर्घटनास्थल से) 40 मीटर पहले तक ही पहुंचा जा सकता था, क्योंकि वहां कीचड़ था, लेकिन अब यह अधिकतम सीमा तक जम गया है। इसलिए टीम दुर्घटनास्थल तक जा सकती है... हमारे पास एक खोजी कुत्ता है। हम उसे अंदर ले जाएंगे। खोजी कुत्ते की मदद से हम (फंसे हुए लोगों का) पता लगाने की कोशिश करेंगे। संतोष ने सुरंग में फंसे लोगों को बचाना प्रशासन की प्राथमिकता बताया।
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