जिंदल ने इस दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों और बाल उपचार केंद्रों में किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों से गोद लिए गए बच्चों से हर 15 दिनों में मुलाकात करने को कहा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, चिकित्सकों, नर्सों और पर्यवेक्षकों को प्रतिदिन कुपोषित बच्चों से मिलने और उनकी जांच करने का निर्देश दिया।