वे अयोध्या नगरी, जहां प्रभु श्रीराम ने जन्म लिया, वहां रामलीला में राजा दशरथ का किरदार निभाने पर स्वयं को बड़ा ही भाग्यशाली मान रहे हैं। उनका कहना है कि अयोध्यावासी बड़े ही सौभाग्यशाली हैं, जहां रघुकुल की यह रीत रही है कि 'रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई' पर आज के समय में ऐसा नहीं है।