मेरठ में एक पालतू डॉग को ढूंढकर लाने वाले को 15000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है। यह घोषणा लंदन से आई युवती ने की है, क्योंकि अगस्त नाम का यह डॉगी 24 सितंबर से लापता है। अचानक से रहस्यमयी परिस्थितियों में अगस्त नाम का यह डॉग मेरठ के जीमखाना मैदान के निकट एक घर से गायब हो गया।
अगस्त नाम का यह कुत्ता आठ साल का है। मेघा नाम की इस युवती ने दिल्ली के एक एनजीओ से यह कुत्ता गोद लिया था। आठ साल पहले मेघा दिल्ली में पढ़ाई कर रही थीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक एनजीओ द्वारा सर्कुलेट हुई छोटे से पपी की एक तस्वीर देखी, जिसमें लिखा था कि जो इस डॉग को गोद लेना चाहे तो ले सकता है।
मेघा एनजीओ से छोटे से डॉग को अपने साथ ले आई और पांच साल तक अपने साथ रखा। मेघा तीन साल पहले नौकरी करने लंदन चली गईं और अगस्त डॉग की जिम्मेदारी मां और पिता पर छोड़ दी। मेरठ में रहने वाले माता-पिता अगस्त की देखभाल कर रहे थे, मेघा प्रतिदिन वीडियो कॉल से अगस्त का हालचाल पूछती थी।
जब लंदन में रहने वाली मेघा को पता चला कि उसका प्यारा कुत्ता खो गया और पता नहीं चल रहा है तो वह लंदन से मेरठ उसे ढूंढने चली आई। वह दस दिन की छुट्टी लेकर आई है, अब उसकी छुट्टी खत्म होने वाली है, लेकिन अगस्त का कुछ पता नहीं चला।
अगस्त डॉगी को खोजने के लिए अखबार और टीवी चैनल का सहारा लिया गया, घर-घर अगस्त के फोटो छपे पंपलेट बांटे गए, जिन आवाजों को वह पहचानता था, उसके जरिए आसपास के क्षेत्रों में पुकारा गया। थक-हार कर डॉग को खोजने वाले को 5000 रुपए के इनाम की घोषणा की थी, अब यह इनाम बढ़ाकर 15 हजार रुपए कर दिया गया है। मेघा बेहद पेरशान है, उनका कहना है कि वह कुत्ता नहीं, बल्कि फैमेली मेंबर जैसा है।
डॉगी को खोजने के लिए एक वायरल मैसेज में लिखा हुआ है कि अगस्त नाम का डॉगी 8 साल का है। मिक्स ब्रीड का डॉगी है और अंतिम बार वह 24 सितंबर की शाम को देखा गया था। जिमखाना ग्राउंड से यह डॉगी लापता हुआ है। डॉगी किस रंग का कॉलर पहने हुए है, इस बात का उल्लेख भी किया गया है। मैसेज पर मेघा के पिता दिनेश का मोबाइल नंबर भी लिखा है।
डॉग प्रेम को लेकर बहुत से किस्से सामने आते रहते हैं, जैसे डॉगी का बर्थडे सेलिब्रेट किया गया हो और केक काटा गया, कहीं कुत्ते की मरणोपरांत तेरहवीं की रस्म की गई हो। लेकिन लंदन से कुत्ते की खोज करना अपने आप में अनूठी कहानी है। समय-समय पर पशु क्रूरता की बात सामने आती है, ऐसे में मेघा और उसके परिवार की डॉग लवर की ऐसी कहानियां संवेदनशीलता को भी दर्शाती है।