नैनीताल। एक ट्रांसजेंडर शख्स ने अपने अधिकारों के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले पुलिस ने उसके लिंग परिवर्तन को मानने से इनकार दिया था। उच्च न्यायालय ट्रांसजेंडर की मदद को आगे आया और पुलिस से उसके ऐसे व्यवहार का कारण पूछा।
पीड़िता की ओर से दायर शिकायत के मुताबिक, वह कोटद्वार के एक व्यक्ति से प्रेम करती थी और उसके साथ रहने के लिए उसने ऑपरेशन के जरिए अपना लिंग परिवर्तन कराया। सगाई समारोह के बाद उसके मंगेतर ने उसे कोटद्वार बुलाया और कथित रूप से बलात्कार किया।
उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया और धारा 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) के आरोप में मामला दर्ज किया।
पीड़िता ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर धारा 377 के तहत दर्ज की गई प्राथमिकी को धारा 376 में बदलने का अनुरोध किया है और दावा किया कि एक महिला के तौर उसके पास सारे अधिकार हैं।
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह ने सोमवार को मामले पर सुनवाई की और सरकार को चार हफ्ते में जवाब दायर करने का निर्देश दिया। (भाषा)