उन्होंने यह भी बताया कि हमारी डिजिटल सुरक्षा हेतु देश की विभिन्न एजेंसियां जैसे- सेंट्रल इमर्जेंसी रेस्पोन्स टीम (CERT), नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इन्फ्राइस्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) और स्टेंडर्ड डायसेशन टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन (STQC) किस प्रकार और क्या कार्य कर रही हैं। साथ ही प्रो. रावल ने साइबर सिक्योरिटी, कलेक्शन ऑफ़ डिजिटल एविडेंस, एविडेंस एनालिसिस, कॉर्पोरेट साइबर क्राइम और साइबर वारफेयर आदि विषयों पर चर्चा कर समझाया। इस नेशनल कॉन्फ्रेंस में भारत के कई फोरेंसिक छात्र, रिसर्च स्कॉलर, साइबर एडवोकेट, आईटी एक्सपर्ट, प्रोफेसर आदि ने हिस्सा लिया।
सत्र में प्रो. गौरव रॉवल द्वारा साइबर क्राइम और इसके प्रकारों तथा साइबर फोरेंसिक जैसे आईपी एड्रेस, ईमेल ट्रैकिंग, proxy सर्वर, डाइनेमिक नेटवर्क पर भी प्रकाश डाला गया। इस नेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रतिभागियों द्वारा सक्रिय रूप से भाग लिया और एक्सपर्ट्स से विषय संबंधी प्रश्न भी पूछे गए।
विजय पांचाल ने बताया कि इसी अवसर पर संस्था के सदस्य युक्ता गुगलोत, चंचल कामले, पूजा एक्का, एक्सपर्ट कोऑर्डिनेटर राकेश मिया (एप्लाइड फॉरेंसिक रिसर्च साइंसेज, इंदौर) आदि संस्था के सदस्य उपस्थित थे।