दो लिंगायतों ने बढ़ाई कर्नाटक में कांग्रेस की ताकत, BJP को येदियुरप्पा पर भरोसा

Webdunia
मंगलवार, 18 अप्रैल 2023 (20:17 IST)
कांग्रेस कर्नाटक में प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के दो भाजपा नेताओं के उसके खेमे में आने के बाद राजनीतिक लाभ मिलने की उम्मीद बांध रही है, वहीं सत्तारूढ़ भाजपा इस दल-बदल को तवज्जो न देने एवं इसे ‘विश्वासघात’ के रूप पेश करने की कोशिश कर रही है।
 
राज्य की कुल जनसंख्या में करीब 17 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाला लिंगायत समुदाय उत्तरी जिलों में केंद्रित है। यह समुदाय भाजपा का बड़ा वोट बैंक है। कांग्रेस पिछले कुछ समय से भाजपा के लिंगायत वोट बैंक को तोड़ने या उसमें सेंध लगाने की जुगत में लगी है। वह यह पेश करने की चेष्टा कर रही है कि भाजपा ने अपने बुजुर्ग एवं कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने के बाद उन्हें हाशिये पर डालकर इस समुदाय के साथ गलत किया है।
 
अब वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार (पूर्व मुख्यमंत्री) तथा लक्ष्मण सावदी (पूर्व उपमुख्यमंत्री) के अपने पाले में आने के बाद कांग्रेस इस आस में इस विमर्श को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है कि इससे लिंगायत समुदाय के दिमाग में भाजपा के विरुद्ध धारणा पैदा होगी।
 
कांग्रेस जीतेगी 150 सीट : पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि कई कांग्रेस नेता पिछले दो-तीन दिनों से इस विमर्श को आगे बढ़ाने और यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि लहर उनके पक्ष में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने तो यहां तक दावा किया है कि शेट्टार एवं सावदी के उनकी पार्टी में आने के बाद दो-तीन प्रतिशत वीरशैव लिंगायत वोट उनकी पार्टी के पक्ष में आ गए हैं। 
 
शिवकुमार ने कहा कि हमारा अनुमान है कि हम 141 सीट जीतेंगे, लेकिन जगदीश शेट्टार और सावदी के आने के बाद पार्टी (224 में से) 150 सीटें जीतेगी। उनके आने के बाद वीरशैव लिंगायत के दो-तीन प्रतिशत वोट आ रहे हैं, उनके समर्थक एवं शुभेच्छु कांग्रेस की ओर आ गए हैं। 
 
भाजपा की नैया येदियुरप्पा के भरोसे : उधर, भाजपा ने यह भांपकर अपने सबसे बड़े एवं विशाल जनाधार वाले नेता येदियुरप्पा को बचाव के लिए मैदान में उतार दिया है कि कांग्रेस इस मौके का इस्तेमाल यह विमर्श गढ़ने के लिए करेगी कि भाजपा ने लिंगायत नेताओं के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया। येदियुरप्पा ने शेट्टार एवं सावदी को ‘विश्वासघाती’ करार दिया और उन्होंने उन दोनों को भाजपा द्वारा दिए गए सभी अहम पद गिनाए।
 
मुख्यमंत्री एवं लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को बागलकोटे में कहा कि चुनाव से पहले भाजपा से एक या दो लिंगायत नेताओं के चले जाने का कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा उन क्षेत्रों में पिछली बार की तुलना में अधिक सीटें जीतेगी जहां के नेताओं ने पार्टी छोड़ी है।
 
बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत जागरूक मतदाता हैं और जब भी उन्होंने निर्णय लिया है, सही निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा के बाद कांग्रेस लिंगायतों के प्रति बहुत प्रेम दिखा रही है, लेकिन कांग्रेस ऐसा संगठन है जिसने लिंगायतों को बांटने का प्रयास किया।
 
शेट्टर का चुनाव हारना तय : भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण सिंह ने कांग्रेस के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लिंगायत समाज के वरिष्ठ नेताओं को टिकट ना देकर पूरे समुदाय का अपमान किया है और साथ ही यह दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ता कर्नाटक चुनाव में पार्टी को ‘धोखा’ देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की हार सुनिश्चित कर ‘सबक’ सिखाएंगे।
 
राज्य के प्रभारी भाजपा महासचिव सिंह ने कहा कि शेट्टर की पारंपरिक सीट हुबली-धारवाड़ मध्य सत्तारूढ़ पार्टी के लिए ‘सुरक्षित’ सीट है और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि शेट्‍टार इस निर्वाचन क्षेत्र से जीत रहे थे क्योंकि यह भाजपा की सीट थी। उनका कभी कोई जनाधार नहीं रहा। उन्हें सबक सिखाया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा उम्मीदवार महेश तेंगिनाकाई भी शेट्‍टार की तरह लिंगायत हैं और पूर्व मुख्यमंत्री के समान उपजाति से हैं। तेंगिनाकाई पार्टी की प्रदेश इकाई के महासचिव हैं। उनका मुकाबला 6 बार के विधायक शेट्‍टार से है। भाजपा द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद एक अन्य प्रमुख लिंगायत नेता लक्ष्मण सावदी ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सावदी की गिनती राज्य के प्रमुख भाजपा नेताओं में होती थी और वह राज्य के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
 
उन्होंने कहा कि लक्ष्मण सावदी 2018 में अपनी सीट भी नहीं जीत सके थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया और उपमुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 150 सीटों का है। हम निश्चित रूप से इसे हासिल करेंगे। (भाषा/वेबदुनिया) 
 

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