उत्तराखंड में बारिश से उत्‍तर प्रदेश में नदियां उफान पर

सोमवार, 25 जुलाई 2016 (22:30 IST)
लखनऊ। इस माह अब तक उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों को सरसब्ज करने वाला मानसून फिलहाल कुछ सुस्त हो गया है। हालांकि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में खासी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने से गंगा, शारदा, घाघरा, राप्ती और रोहिन समेत अनेक नदियां उफान पर हैं।
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य है। पिछले 24 घंटे के दौरान इन हिस्सों में कुछ स्थानों पर वर्षा हुई। इस अवधि में बरेली में सबसे ज्यादा 11 सेंटीमीटर बारिश हुई।
 
इसके अलावा धौरहरा (लखीमपुर खीरी) और कानपुर में पांच-पांच, आजम, राबर्ट्सगंज (सोनभद्र), और महरौनी (ललितपुर) में चार-चार और बलिया तथा बांदा में तीन-तीन सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
 
अगले 24 घंटे के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनेक स्थानों पर जबकि पूर्वी भागों में कुछ जगहों पर बारिश होने का अनुमान है। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है। इस बीच, उत्तराखण्ड के अनेक क्षेत्रों में भारी वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण प्रदेश में गंगा, रामगंगा, शारदा, घाघरा, राप्ती, रोहिन और क्वानो नदियां उफान पर हैं।
 
केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक राप्ती नदी बलरामपुर में खतरे के निशान से एक मीटर से भी ज्यादा ऊपर बह रही है। घाघरा नदी का जलस्तर एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में अब भी खतरे के निशान से काफी ऊपर है। शारदा नदी का जलस्तर पलियाकलां में और रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमोहानीघाट (महराजगंज) में लाल चिह्न को पार कर गया है।
 
क्वानो नदी का जलस्तर चंद्रदीपघाट (गोण्डा) में खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। राप्ती नदी बांसी (सिद्धार्थनगर) में, शारदा नदी शारदानगर में, रामगंगा नदी मुरादाबाद में और गंगा नदी फतेहगढ़ और कानपुर में लाल चिह्न की तरफ बढ़ रही है। (भाषा) 

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