विहिप के महासचिव मिलिंद परांडे ने अख्तर के बयान के बारे में पूछने पर कहा, तालिबान एक आतंकवादी संगठन है, जो हिंसा में विश्वास रखता है और महिला विरोधी है। ऐसे संगठनों की आरएसएस, विहिप और बजरंग दल से तुलना करना...मैं उनके बयान की निंदा करता हूं।
ये तीनों संगठन हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं और किसी के खिलाफ काम नहीं करते हैं। वे समाज सेवा करते हैं। यह एक साजिश की तरह लगता है, जब इतने बड़े लोग इस तरह के बयान देते हैं और समाज भ्रमित हो जाता है। उनके बयान का मकसद झूठ बोलकर समाज को भ्रमित करना था। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
परांडे ने मांग की कि वेब सीरीज़ 'एम्पायर' को प्रतिबंधित किया जाए, क्योंकि यह हिंसक और आक्रामक मुस्लिम आक्रमणकारियों को बहुत व्यवस्थित रूप से प्रसारित कर रही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मुंबई में कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक पर किए गए सवाल पर परांडे ने कहा, राष्ट्रीय हित के लिए समाज में काम करने वाला संगठन किसी से भी मिल सकता है। यह मुलाकात उसी सामान्य संवाद का हिस्सा है।
पुलिस के मुताबिक, सुबह की सैर पर निकले कुछ लोगों ने तीन महिलाओं को पर्चे बांटते और युवतियों से हिजाब पहनने का आग्रह करते देखा। इसके बाद उनके बीच तीखी बहस हुई और महिलाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। इन महिलाओं की उम्र 20-25 साल के बीच है।(भाषा)