सूत्रों ने बताया कि पुलिसकर्मी की पहचान अमातिवा मलिक के तौर पर की गई है और मोर्चा समर्थक की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस ने बताया कि एक गुप्त सूचना मिली थी कि गुरुंग तवाकर के लेपचा बस्ती क्षेत्र में कहीं छिपा हुआ है और इसके बाद जब पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो उन पर अचानक गोलियां चलाई जाने लगीं।
स्थानीय लोगों ने मानव ढाल बनाकर गुरुंग को वहां से भागने में मदद की, लेकिन वह अभी भी इसी क्षेत्र मे छिपा हुआ है। दार्जिलिंग में इस आंदोलन की शुरुआत आठ जून से हुई थी और अब तक इसमें 12 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन पुलिस के किसी अधिकारी के मारे जाने का यह पहला मामला है। (वार्ता)