11 मई 2015 में ट्रायल कोर्ट के फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जहां से जयललिता और शशिकला को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था लेकिन बाद में 2016 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया। सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक सरकार की दलील सुनने के बाद अपनाा फैसला सुरक्षित रख लिया था।