व्यापमं घोटाला: कोर्ट में गवाह नहीं, डेथ सर्टिफिकेट पहुंचा

गुरुवार, 9 जुलाई 2015 (14:48 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रहे विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने विशेष अदालत में कहा कि इस घोटाले के एक गवाह की कुछ दिन पहले भोपाल के एक निजी अस्पताल में लिवर की बीमारी के चलते मृत्यु हो गई।
 
एसटीएफ अधिकारियों ने बुधवार को अदालत को बताया कि इस मामले में गवाह संजय सिंह यादव (35) की गंभीर बीमारी के बाद इस वर्ष 8 फरवरी को मृत्यु हो गई। एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यादव के परिजन के हवाले से बताया कि उसे गुर्दे की समस्या और हिपेटाइटिस बी की बीमारी थी।
 
उन्होंने बताया कि व्यापमं के आरक्षक भर्ती घोटाले में उत्तरप्रदेश के 3 आरोपियों अजहरउद्दीन, नईम और कासिम की भर्ती के मामले में यादव एक गवाह था। एसटीएफ ने तीनों आरोपियों को भोपाल में गिरफ्तार किया था। एसटीएफ ने यादव का मत्यु प्रमाण पत्र भी अदालत में पेश किया।
 
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी भर्तियों में हुए करोड़ों रुपए के इस घोटाले के वर्ष 2013 में सामने आने के बाद इस घोटाले से जुड़े कई आरोपियों और गवाहों की अब तक मौत हो चुकी है।
 
हाल ही में इस घोटाले पर बवाल तब मचा जब टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले झाबुआ के मेघनगर में कथित तौर पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सिंह इस घोटाले की एक कथित लाभार्थी नम्रता डामोर के पिता का इंटरव्यू लेने वहां गए थे।
 
सिंह की मौत के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जो पहले इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए लगातार इंकार कर रहे थे, ने इस घोटाले की जांच की निगरानी कर रहे मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर सरकार की ओर से इस घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया। (भाषा)

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