Silkyara Tunnel: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल (Silkyara Tunnel) के अंदर कैद 40 मजदूरों को बाहर निकालने के काम में एक बार फिर से ब्रेक लग गया है। अमेरिकी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन (American Jack and Push Earth Auger machine) ने शुक्रवार की सुबह तक 24 मीटर बोरिंग करते हुए पाइप बिछा दी है।
ड्रिलिंग मशीन किसी अन्य मशीन से टकराई : मिली जानकारी के मुताबिक हैवी ऑगर (uger machine) मशीन से काम सुचारु रूप से चल रहा था लेकिन अचानक से ड्रिलिंग मशीन किसी अन्य मशीन से टकरा गई है जिसके चलते जमीन की खुदाई को रोकते हुए जियोफिजिकल और पेयजल निगम के एक्सपर्ट्स बुलाए गए हैं। शुक्रवार को 24 मीटर बोरिंग के बाद माना जा रहा था कि लगभग 40 मीटर तक की बोरिंग इसी रविवार की सुबह तक पूरा हो जाएगी और 40 मजदूर बाहर आ जाएंगे।
ऑगर ड्रिलिंग मशीन 1 घंटे में 5 मीटर तक जमीन खोद रही : हैवी ड्रिलिंग मशीन के कार्य को अब बीच में रोकने के बाद काम कितनी देर में शुरू होगा यह कहना अभी मुश्किल है। सिलक्यारा टनल में हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन 1 घंटे में 5 मीटर तक जमीन खोद रही है लेकिन टनल की सतह पर पाइप वेल्डिंग और एलाइनमेंट करने में अनुमानित 1.30 से 2 घंटे का समय लग रहा है।
उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा : रेस्क्यू ऑपरेशन की कार्य गति को देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि रविवार तड़के तक टनल में फंसे मजदूर बाहर निकल सकेंगे लेकिन बोरिंग कार्य में व्यवधान आने के कारण उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। हालांकि इस अत्याधुनिक मशीन से ड्रिल करते हुए 800-900 मिमी व्यास वाले पाइपों को एक के बाद एक करके बिछाया जा रहा है ताकि ढहे सुरंग के हिस्से में फंसी 40 जिंदगी सुरक्षित बाहर आ सके।
मोदी खुद कर रहे समीक्षा : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद इस रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा कर रहे हैं और उत्तराखंड सरकार से पल-पल की जानकारी पीएमओ को साझा की जा रही है। टनल के अंदर की सुरक्षा का जिम्मा ITBP और NDRF को सौंपा गया है। अब तक 24 मीटर सुरक्षित बोरिंग करके पाइप डाली गई है।