योगी आदित्‍यनाथ सरकार को मिले केंद्र से 1263 करोड़ रुपए

शनिवार, 6 मई 2017 (08:23 IST)
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के लिए 1,263 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने यह घोषणा शुक्रवार को की। उन्होंने कहा कि बिल्डरों ने उपभोक्ताओं से जो वादा किया है, उसे निभाना पड़ेगा, वरना नए कानून के हिसाब से उन लोगों पर जुर्माना लगेगा और जेल भी जाना पड़ेगा।
 
नायडू और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां लोकभवन में पत्रकारों से बातचीत की। इस मौके पर नायडू ने उत्तर प्रदेश को लखनऊ मेट्रो, अमृत योजना व पेयजल योजनाओं के लिए कुल 1,263 करोड़ रुपए जारी किए जाने का ऐलान किया। नायडू ने कहा, "केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के विकास के लिए तेजी से प्रयास कर रही है। केंद्र से प्रदेश में आकर अधिकारी आपस में मिलकर काम कर रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश में पहली बार सरकार ने मिलकर काम करने में उत्साह दिखाया है। उत्तर प्रदेश के लिए 1263 करोड़ रुपए लेकर आया हूं।"
 
उन्होंने कहा कि इसमें 442 करोड़ स्मार्ट सिटी के लिए, 375 करोड़ अमृत योजना व 446 करोड़ रुपया लखनऊ मेट्रो के लिए है। ऑल इंडिया रेडियो और नए एफएम रेडियो के विस्तार का काम भी चल रहा है। दूरदर्शन राजी हो गया तो विधानसभा का सीधा प्रसारण भी होगा। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट पर केंद्र सरकार ने नए नियम बनाए हैं, उसे मुख्यमंत्री भी जल्द लागू करेंगे।
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2022 तक सभी लोगों के लिए मकान देना आसान काम नहीं है, पर केंद्र सरकार इसमें लगी हुई है। उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री आवास योजना के मामले में देश में सबसे पीछे है। 
 
उन्होंने कहा कि अमृत मिशन के तहत उत्तर प्रदेश के 61 शहरों को जोड़ दिया गया है, जिसमें अयोध्या को भी शामिल किया गया है। 3 हजार करोड़ रुपए का प्रपोजल राज्य सरकार भेजेगी। 13 लाख टैप कनेक्शन पानी के लिए राज्य सरकार प्रस्ताव देगी। ईएसएल के तहत स्ट्रीट लाइट को भी लगाया जाएगा।
 
मुख्यमंत्री योगी ने 1263 करोड़ रुपए की स्वीकृति देने पर वेंकैया नायडू का आभार जताया और कहा कि स्वच्छता सर्वे की रेटिंग पूर्व सरकार के वक्त की है। वर्ष 2018 तक समूचे उत्तर प्रदेश को स्वच्छता में 100 प्रतिशत सफल बनाएंगे। 6 मई को लखनऊ में व 7 मई को आगरा में स्वच्छता अभियान शुरू किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि लखनऊ मेट्रो शुरू करने में अभी डेढ़ महीना लग जाएगा. खुशी की बात है कि 32 हजार करोड़ रुपए से दिल्ली व मेरठ के बीच हाई स्पीड ट्रेन चलाने की स्वीकृति मिल चुकी है। (एजेंसी)

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