योगी ने शनिवार देर रात नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए जेएनएनयूआरएम के तहत कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता पर असंतोष व्यक्त किया। इसके तहत कराए जाने वाले कार्यों की कार्यदायी संस्था जल निगम था। उन्होंने नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर जल निगम द्वारा आवंटित कार्यों की जांच के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों से स्मार्ट सिटी योजना में शामिल शहरों के विषय में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इन शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए जिन मापदंडों पर काम किया जाना है, उन्हें तेजी से पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आगरा में स्थापित की जा रही जायका सहायतित आगरा जल संपूर्ति (गंगा जल) परियोजना के तहत मथुरा-वृंदावन को भी जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना को हर हाल में मार्च, 2018 तक पूरा किया जाए।
योगी ने जल निगम के कार्यों पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि निगम की कार्यपद्धति तथा संस्कृति में अत्यधिक सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कानपुर, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में चलायी जा रही जलापूर्ति योजनाओं को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को पेयजल की उपलब्धता आसानी से सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने जल निगम द्वारा संचालित ओवरहेड टैंक्स की स्थिति में सुधार लाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्र के निवासियों को गर्मी के मौसम के साथ-साथ वर्ष पर पेयजल मिलने में कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि जल निगम अपने कार्यकलापों में सुधार लाते हुए सभी योजनाओं को भली-भांति पूरा करे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा डॉ. दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमंडल के सदस्यगण तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। (वार्ता)