उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कहा था कि वो प्रदेश में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे, फिर चाहे वो उनके अपने लोग ही क्यों न हो। चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वादा निभाते हुए अपने मंत्रियों को 15 दिन के भीतर संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा था।
हालांकि ज्यादातर मंत्रियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। इस बात से नाराज योगी ने दोबारा पत्र लिख कर तीन दिन में ब्यौरा मांगा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के इस कदम से मंत्रियों में हड़कंप है। मंत्रियों को यह भी बताना है कि मंत्री बनने से पहले उनका कौन से व्यवसाय है, उससे कितनी आमदनी है।