जिले के बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि शारदीय नवरात्रि शुरू होने से पहले यहां के गली मुहल्लों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में रामलीला मंचन की शुरुआत हो जाती थी जिसको देखने के लिए महिलाओं, बच्चों और युवाओं की टोलियां पहुंचती थीं, मगर पिछले 10-15 सालों से दुर्गा पूजा पांडालों के प्रति विशेषकर युवाओं का क्रेज बढ़ा है, जिसका प्रतिकूल असर पारंपरिक रामलीला के मंचन पर पड़ा है।
जिले में इस बार एक हजार से अधिक स्थानों पर पूजा पंडालों में मां दुर्गा की विभिन्न रूपों वाली प्रतिमाएं लगाई गई है। जौनपुर नगर सहित अन्य स्थानों पर करीब तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर कोलकाता से आए कारीगरों द्वारा मां दुर्गा की भव्य प्रतिमाएं बनाई है जिनकी प्राण प्रतिष्ठा करवा कर विधिवत पूजा शुरू कर दी गई है।
जौनपुर नगर में दुर्गा पूजा को सकुशल संपन्न कराने के लिए बनी श्री दुर्गा पूजा महासमिति के अध्यक्ष मोती लाल यादव के अनुसार सभी पूजा समितियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिला प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन करें ताकि कहीं पर अव्यवस्था न पैदा हो। दुर्गा पूजा के दौरान जौनपुर नगर को देखने से लगता है कि मानों कोलकाता ही उठ कर यहां चला आया है।
दुर्गा पूजा के साथ ही यहां के प्रसिद्ध देवी मंदिरों माता शीतला का मंदिर, चौकिया धाम और मां शारदा मैहर वाली का मंदिर परमानतपुर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। दोनों ही देवी मंदिरों पर सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है। इसी तरह दुर्गा पूजा पंडालों में स्थापित मां की प्रतिमाओं की भी पुख्ता सुरक्षा की गई है।
पुलिस अधीक्षक दिनेश पाल सिंह ने कहा है कि दुर्गा पूजा और दशहरा पर सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए गए हैं। जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने कहा कि दुर्गा पूजा एवं दशहरा को देखते हुए जौनपुर नगर सहित पूरे जिले में सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है। साथ ही सभी जगहों पर शाम से देर रात तक विद्युत् आपूर्ति करने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने सभी पर्वों को आपसी भाई चारे और सांप्रदायिक सौहार्द के साथ मनाने की अपील की है। (वार्ता)