ग्रीष्म ऋतु में अपने घर की छत पर खड़े होकर रात में पूर्णिमा की खिली चांदनी को देखें या वसंत ऋतु में बगीचे की झूमती डालियों पर मुस्कुराते हुए फूलों को देखें या नदियों व पहाड़ों से गिरते झरनों के गीत सुनें, आपको जिस आनंद का अनुभव होगा, वह सौंदर्य का ही आनंद है।