6. दस तरह के पाप से बचें। (दूसरों का धन हड़पना, निषिद्ध कर्म, देह को सबकुछ मानना, कठोर वचन, झूठ बोलना, निंदा करना, बकवास करना, चोरी करना, दूसरों को दुख देना, पराए स्त्री-पुरुष से संबंध)।
7. हर हिंदू के पांच नित्य कर्तव्यों को जानकर उसका पालन करें।
8. सभी को समान समझे, छुआछूत मानना पाप है।