इसका वृक्ष भारत, श्रीलंका, चीन, जापान, मलेशिया, कोरिया, ताइवान, इन्डोनेशिया आदि देशों में पाया जाता है। कपूर के पेड़ की लम्बाई 50 से 100 फीट तक होती है। इसके फूल, फल तथा पत्तियां सभी आकर्षक होते हैं। इसे सजावटी पेड़ के रुप में भी लोग अपनाते हैं। इसकी पत्तियां बड़ी, सुन्दर और लालिमा व हरापन लिए होती हैं। वसन्त ऋतु में इसमें छोटे-छोटे खुशबूदार फूल लगते हैं। इसके फल भी बड़े मोहक होते हैं।
कपूर के पेड़ की लकड़ियां फर्नीचर के काम में भी लाई जाती हैं। यह काफी मजबूत और टिकाऊ होती है। इसके पेड़ से प्राप्त लकड़ियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर, तेज आंच पर उबाला जाता है फिर भाप और शीतलीकरण विधि से कपूर का निर्माण होता है। इससे अर्क और तेल भी बनाया जाता है, जिसका प्रयोग प्रसाधन एवं औषधि कार्यों में होता है।
कपूर के पौधे को हम अपने घर, बाहर, बगिया, गमले आदि कहीं भी किसी भी जगह पर लगा सकते हैं। कपूर का पौधा अच्छी सेहत का भंडार और वरदान है।