2. चातुर्मास के आषाढ़ माह में भगवान विष्णु, सूर्यदेव, मंगलदेव, दुर्गा और हनुमानजी की पूजा करने का दोगुना फल मिलता है। आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की वामन रूप में पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस माह में विष्णुजी के साथ ही जलदेव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है और मंगल एवं सूर्य की उपासना से ऊर्जा का स्तर बना रहता है। इसके अलावा देवी की उपासना भी शुभ फल देती है।
3. कहते हैं कि आषाढ़ में श्रीहरि विष्णु के वामन रूप की पूजा, श्रावण मास में में शिव और पार्वती पूजा, भाद्रपद में गणेश और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। आषाढ़ के महीने में अंतिम पांच दिनों में भगवान वामन की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में इन दोनों देवताओं की विशेष कृपा पाने के लिए विशेष व्रत, उपवास, पूजा करना चाहिए। कार्तिक माह के 15 दिन देवउठनी एकादशी तक पुन: भगान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का महत्व बढ़ जाता है।