गुरुदेव ने प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में माननीय राज्यपाल द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। आर्ट ऑफ लिविंग अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में सत्संग के दौरान गुरुदेव ने कहा, 'प्राकृतिक खेती से हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा, धरती उपजाऊ रहेगी और समाज को बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।'
माननीय राज्यपाल जी ने कहा कि 'सबके जीवन की परम आवश्यकता है प्रकृति से जुड़ कर रहना, जैसे परमात्मा ने सृष्टि बनाई; उसकी सृष्टि से बिना कोई छेड़छाड़ किये ऐसा एक पवित्र वातावरण देखकर आज के इस भौतिकवाद के युग में यहाँ असीम सुख और आनंद की प्राप्ति हुई।'
उन्होंने यह भी बताया कि आज वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के बारे में जो चेतावनी दे रहे हैं, उस पर गुरुदेव ने अपनी दूरदर्शिता से किस प्रकार बहुत पहले ही नदियों के पुनर्जीवन, पर्यावरण संरक्षण, गौसंरक्षण, स्वच्छता तथा प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में कार्रवाई करके इन चुनौतियों का समाधान करना शुरू कर दिया था।
जबकि प्राकृतिक खेती में इस तरह की हिंसा नहीं होती।
भारत में, आर्ट ऑफ लिविंग ने अब तक 22 लाख से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती में प्रशिक्षित किया है।