* संयम, सेवा और सहिष्णुता की साधना ही गृहस्थ का तपोवन है।
* अपने आचरण से प्रस्तुत किया उपदेश ही सार्थक और प्रभावी होता है, अपने वाणी से किया गया नहीं।
* दूसरों के साथ वह व्यवहार न करो, जो तुम्हें अपने लिए पसंद नहीं है।
* जिन्हें लंबी जिंदगी जीनी हो, वे बिना तगड़ी (ज्यादा, कड़ी) भूख लगे कुछ भी न खाने की आदत डालें।