श्रीसूक्त का पाठ करने का क्या है सही तरीका? शुक्रवार को करें पाठ, दरिद्रता होगी दूर

WD Feature Desk

बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (13:31 IST)
श्री सूक्त Shri Sukt ऋग्वेद से लिया गया है। शास्त्रों के अनुसार नित्य श्री सूक्त Shri Sukt का पाठ करने वाले जातक को इस संसार में समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। उसे धन यश की कोई भी कमी नहीं होती है। नित्य नहीं कर सकते हैं तो प्रति शुक्रवार के दिन श्रीसूक्त पाठ करना चाहिए। यहां प्रस्तुत है पाठ करने का सही तरीका, नियम और पाठ की लिंक।ALSO READ: ॥ वैभव प्रदाता श्री सूक्त ॥
 
कैसे करें श्री सूक्त का पाठ:
ALSO READ: पढ़ें श्री लक्ष्मी सूक्त हिन्दी अनुवाद के साथ
यंत्र पूजा : श्री यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, धन वर्षा यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, नवग्रह यंत्र, धनवर्षा यंत्र, लक्ष्मी-कुबेर यंत्र में से कोई सा भी एक यंत्र बनाएं और उसकी नित्य पूजा करें। घर के ईशान कोण में श्री यंत्र को ताम्र पत्र, रजत पत्र या भोज पत्र पर बनवाकर रखें। फिर उनमें प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद उसकी पूजा करें। 
श्री सूक्त की ऋचाओं से नियमित हवन करने से विभिन्न कष्ट दूर होकर ऐश्वर्य व भोग की प्राप्ति होती है। अलक्ष्मी की अकृपा प्राप्त होने से एक ओर जहाँ दुःख दरिद्रता, रोग, कर्ज से मुक्ति मिलती है, वहीं दूसरी ओर लक्ष्मी की कृपा से भोग की प्राप्ति होती है। इस मंत्र में श्री सूक्त के पंद्रह छंदों में अक्षर, शब्दांश और शब्दों के उच्चारण से अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी के ध्वनि शरीर का निर्माण किया जाता है।ALSO READ: धन या लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कौनसे मंत्र, स्तोत्र, अष्टकम, उपाय और चालीसा का पाठ करना चाहिए?
 
मंत्र : माता लक्ष्मी के मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद। श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः॥... इस मंत्र की कमलगट्टे की माला से प्रतिदिन जप करने से लाभ होगा। इसके अलावा दरिद्रता नाशक लक्ष्मी मंत्र या दरिद्रता नाशक हनुमान मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
 
माता का भोग : शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के मंदिर जाकर शंख, कौड़ी, कमल, मखाना, गन्ना, बताशा अर्पित करें। ये सब महालक्ष्मी मां को बहुत प्रिय हैं।ALSO READ: Maa laxmi : रूठी हुई मां लक्ष्मी को कैसे मनाएं?
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी