श्री जगदंबा माता

WD

धर्मयात्रा में इस बार हम आपको लेकर चलते हैमहाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित 'श्री जगदंबा माता' के मंदिर। यह मंदिर बीड और अहमदनगर जिले के मोहटे नामक गाँव में स्थित है। भक्तों की आस्था है कि इस जागृत देवस्थान पर दर्शन हेतु आनेवाले हर व्यक्ति की मन्नत पूरी होती है।

वीडियो देखने के लिए फोटो पर क्लिक करें और फोटो गैलरी देखने के लिए यहां क्लिक करें

कहा जाता है कि इसी गाँव का निवासी बंसी दहिफले नामक व्यक्ति देवी का भक्त था। तथा वे हर साल देवी के दर्शन हेतु माहूरगड की पैदल यात्रा करता था। उसने माता को अपने गाँव में आकर दर्शन देने की प्रार्थना की। अपने भक्त की आराधना से खुश होकर माता ने उन्हें स्वप्न आकर कहा कि 'मैं यहाँ प्रकट होकर हमेशा के लिए गाँव में रहूँगी'। भक्तों की मान्यता है कि जब तक लोग उनके प्रकट होने के स्थान का पता नहीं लगा सके तब तक देवी ने एक गाय के रूप में गाँव में निवास किया। देवी के ऊँची पहाड़ी पर प्रकट होने के साथ ही वह गाय गाँव से अदृश्य हो गई।

स्वयंभू व जागृत माँ जगदंबा माता को महाराष्ट्र के तीन शक्तिपीठ में से एक श्रीश्रेत्र माहूरगड निवासिनी रेणुका माता का ही अवतार माना है। यह परिसर गुरु वृद्धेश्वर, गुरु मच्छिंद्रनाथ, गुरु कानीफनाथ, गुरू गहीनीनाथ, गुरु जालींदरनाथ, गुरु नागनाथ इन सभी के पदस्पर्श से पावन हुआ है।

आश्विन सुदी एकादशी को देवी का प्रकट दिन होने की वजह हर साल इसी दिन देवी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मंदिर में स्थित जगदंबा माता का मुँह माहूरगड की ओर है। मंदिर से थोडी ही दूरी पर एक शिवमंदिर और एक स्नानकुंड है। कहते हैं कि इस स्नानकुंड मे नहाने से सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते है। भक्तों को विश्वास है कि माता के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं जाता। हर के एक के मुख पर माता के चमत्कारों की महिमा का बखान होता रहता है।

कहा जाता है कि एक बार जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधीजी जब इसी गाँव के नजदीक एक बाँध के भूमीपूजन समारोह में भाग लेने आई थी तब माता ने स्वप्न में उन्हें दर्शन दिए थे। इस बात से प्रेरित होकर इंदिराजी यहाँ दर्शन करने आई थीं और स्थानीय प्रशासन से माताजी के मंदिर तक सीढ़ियाँ बनाने को कहा था कि जिससे कि भक्त बिना किसी परेशानी के मंदिर तक पहुँच सकें।

WD
मोहटादेवी का मंदिर ऊँची पहाडी पर स्थित है। मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश भालचंद्र भणगेजी के अनुसार मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए नया प्रकल्प तयार किया गया है। इसमें करीब 15 करोड़ की लागत आएगी। इसी परिसर में पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से यहाँ बीस हजार औषधीय वनस्पति और विविध जाति के वृक्ष रोपे गए हैं।

सड़क मार्ग:- पाथर्डी अहमदनगर से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए सरकारी बस या निजी वाहन उपलब्ध है।
हवाई मार्ग:- अहमदनगर से पुणे हवाईअड्डा सबसे निकट है। पुणे से अहमदनगर 180 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।