धर्मयात्रा की इस बार की कड़ी में हम आपको लेकर चलते हैं मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शनि मंदिर में। यह मंदिर विंध्याचल की मनोरम पहाड़ियों में बाई नामक ग्राम है में स्थित है। बाई इंदौर से करीब 30 किमी की दूरी पर है।
वैसे तो मंदिर काफी नया है, परंतु यह अत्यंत भव्य है और इसके बनने की कहानी भी उतनी ही रोचक है। मंदिर के पुजारी नंदकिशोर मीणा ने बताया कि जयपुर निवासी मधुबाला सुरेन्द्रसिंह मीणा का ससुराल बाई नामक ग्राम में था। स्वभाव से दानवीर होने के कारण उन्होंने जनकल्याण के लिए यहाँ एक धर्मशाला बनाने का विचार किया।
धर्मशाला का निर्मा़ण अभी शुरू ही हुआ था कि खुदाई में भगवान शनि महाराज की मूर्ति निकल आई। मूर्ति निकलने के बाद मधुबाला सुरेन्द्रसिंह मीणा ने कई विद्वानों से विचार- विमर्श किया और अंतत: इस निष्कर्ष पर पहुँचीं कि वहाँ धर्मशाला के बजाय भव्य शनि मंदिर का निर्माण कराया जाए।
मंदिर के निर्माण में करीब 2 करोड़ रुपए का खर्च आया। 27 अप्रैल 2002 को
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मंदिर में शनि देव की भव्य मूर्ति की स्थापना की गई। मंदिर में शनि देव के साथ-साथ सूर्य, राहु, केतु , मंगल, बुध, बृह्स्पति, शुक्र, चंद्र कुल नवग्रहों की स्थापना की गई। मंदिर में अत्यंत दुर्लभ उत्तरमुखी गणेश और दक्षिण मुखी हनुमान की मूर्तियाँ भी विराजमान हैं।
प्रत्येक वर्ष शनि जयंती पर यहाँ 5 दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं। शनि अमावस्या पर भी यहाँ लाखों लोग आते हैं।
मंदिर ट्रस्ट ने गाँव में धर्मशाला और स्कूल बनाने में भी पर्याप्त सहयोग दिया है। श्रावण मास में जब कावड़ यात्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं तो मंदिर ट्रस्ट उनके ठहरने की पूरी व्यवस्था करता है।
कैसे पहुँचें: सड़क मार्ग: इंदौर (30 किमी) और खण्डवा (100 किमी) से बाई पहुँचने के लिए बस एवं टैक्सियाँ आसानी उपलब्ध हैं। रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन चोरल करीब 10 किमी की दूरी पर है। चोरल इंदौर-खण्डवा मीटरगेज लाइन पर स्थित है। वायुमार्ग: निकटतम एयरपोर्ट देवी अहिल्या एयरपोर्ट करीब 40 किमी की दूरी पर स्थित है।