न्यू ईयर 2024 में 10 गणेश मंदिरों में दर्शन कर करें साल की शुभ शुरुआत
शनिवार, 30 दिसंबर 2023 (14:30 IST)
10 Ganesh Mandir: नया साल 2023 प्रारंभ होने वाला है। कई लोग इसे ही नया वर्ष मानते हैं जबकि कई लोग गुड़ी पड़वा को नया वर्ष मानते हैं। यदि आप अंग्रेजी कैलेंडर को ही नया वर्ष मान बैठे हैं तो नए वर्ष की अच्छे से शुरुआत करने के लिए आप देश के इन खास मंदिरों में दर्शन करके अपने नए साल की शुभ शुरुआत कर सकते हैं। आओ जानते हैं देश के 10 खास मंदिर।
1. सिद्धि विनायक गणेश मंदिर मुंबई : मुंबई का सिद्ध विनायक मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। यहां पर जाकर नए वर्ष की शुरुआत कर सकते हैं। मंदिर की सिद्धि और प्रसिद्धि इतनी है कि आम हो या खास, सभी बप्पा के दर पर खिंचे चले आते हैं। मुंबई में सिद्धि विनायक मंदिर की तरह भी पुणे का दगड़ू सेठ गणपति का मंदिर भी प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र में अष्टविनायक मंदिर में से किसी एक मंदिर जाकर भी वर्ष की शुरुआत कर सकते हो।
2. चिंतामन गणपति उज्जैन : उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से करीब 6 किलोमीटर दूर ग्राम जवास्या में भगवान गणेश का प्राचीनतम मंदिर स्थित है। इसे चिंतामण गणेश के नाम से जाना जाता है। गर्भगृह में प्रवेश करते ही गणेशजी की तीन प्रतिमाएं दिखाई देती हैं। पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक। यह स्वयंभू मूर्तियां हैं। यहां जरूर जाएं।
3. खजराना गणेश मंदिर, इंदौर : मध्यप्रदेश में चिंतामण गणपति की तरह इंदौर का खजराना गणेश मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। वक्रतुंड श्रीगणेश की 3 फुट प्रतिमा चांदी का मुकुट धरे रिद्धी-सिद्धी के साथ विराजमान हैं जिनका नित्य पूजन विधि-विधान से होता है। गणेशजी की यह मूर्ति भी मंदिर के सामने बावड़ी से निकाली गई थी।
4. रणथंबौर गणेश मंदिर, राजस्थान : वाइल्ड लाइफ के अलावा रणथंबौर नेशनल पार्क अपने मंदिर के लिए भी फेमस हैं। भारी संख्या में भक्तजन यहां गणेशजी के त्रिनेत्र स्वरूप के दर्शन करने आते हैं। करीब 1000 साल पुराना यह मंदिर रणथंबौर किले में सबसे ऊंचाई पर स्थित है।
5. डोडीताल, उत्तराखंड : उत्तरकाशी जिले के डोडीताल को गणेशजी का जन्म स्थान माना जाता है। यहां पर माता अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर हैं जहां गणेशजी अपनी माता के साथ विराजमान हैं। डोडीताल, जोकि मूल रूप से बुग्याल के बीच में काफी लंबी-चौड़ी झील है, वहीं गणेश का जन्म हुआ था। यहां जाकर भी नववर्ष की शुभ शुरुआत कर सकते हो।
6. डोडा गणपति मंदिर, बेंगलुरु : डोड्डा बसवन्ना गुड़ी में स्थित यह मंदिर कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित है जिसकी प्रसिद्धि भी दूर दूर तक फैली है।
7. रॉकफोर्ट उच्ची पिल्लयार मंदिर, तमिलनाडु : तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली (त्रिचि) में रॉक फोर्ट नामक पहाड़ी के सबसे उपर स्थित उच्ची पिल्लयार मंदिर बहुत ही प्राचीन माना जाता है। इससे जुड़ी एक मान्यता है कि यहां रावण के भाई विभीषण ने एक बार भगवान गणेशजी पर वार किया था।
8. कनिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर : यह मंदिर आंधप्रदेश के चित्तूर जिले में तिरूपति मंदिर से 75 किमी दूर स्थित है। यहां दर्शन के लिए आने वाले भक्त अपने पाप धोने के लिए मंदिर के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं।
9. मनकुला विनायगर मंदिर, पुडुचेरी : यह भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा को कई बार समुद्र में फेंक दिया गया था, लेकिन यह उसी स्थान पर फिर से रोजाना प्रकट हो जाती थी। लगभग 1600 वर्ष से भी अधिक प्राचीन इस मंदिर का पुन: निर्माण फ्रांस की अधीनता के काल में करवाया गया था।
10. मधुर महागणपति मंदिर, केरल : यह भी अति प्राचीन मंदिर है जो मधुवाहिनी नदी के तट पर बना है। दसवीं शताब्दी के इस मंदिर की गणेश मूर्ति न ही मिट्टी की बनी है और न ही किसी पत्थर की यह न जाने किस तत्व से बनी है। इस मंदिर और इसकी मूर्ति को नष्ट करने के लिए एक बार टीपू सुल्तान यहां आया था परंतु यहां की किसी चीज ने उसे आकर्षित किया और उसका फैसला बदल गया।
इस मंदिर से जुड़ी रोचक कथा यह भी है कि पहले ये मंदिर भगवान शिव का हुआ करता था, परंतु प्राचीन कथा के अनुसार पुजारी के बेटे ने यहां भगवान गणेश की प्रतिमा का निर्माण किया। पुजारी का ये बेटा छोटासा बच्चा था। कहते हैं कि खेलते-खेलते मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर बनाई हुई उसकी प्रतिमा का धीरे-धीरे आकार बढ़ाने लगा। वो हर दिन बड़ी और मोटी हो जाती थी। उसी समय से ये मंदिर भगवान गणेश का बेहद खास मंदिर हो गया।